प्रदूषण विभिन्न प्रकार के होते हैं और इनमें से कुछ क्षेत्रीय होते हैं जबकि कुछ वैश्विक स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं। यहाँ प्रदूषण के कुछ प्रमुख प्रकार हैं:
वायु प्रदूषण (Air Pollution): वायु प्रदूषण वातावरण में वायुमंडल की गंदगी को बढ़ावा देता है, जिसमें विभिन्न प्रदूषक जैसे कि कारबन मोनॉक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, और अन्य सूखे ध्वनि और फाइन पार्टिकल्स शामिल हैं। यह सांस लेने में कठिनाइयों का कारण बनता है और अस्थमा और अन्य फुफ्फुसीय बीमारियों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
जल प्रदूषण (Water Pollution): जल प्रदूषण जल स्रोतों, जैसे कि नदियों, झीलों, और समुद्रों में अवामुक्त करवाए जाने वाले विभिन्न प्रदूषकों के संचय की बजह से होता है। इससे पीने के पानी और जलवायु वनाना में हानि हो सकती है, और जीवनकी पोपुलेशन को प्रदूषित कर सकता है।
मृदा प्रदूषण (Soil Pollution): मृदा प्रदूषण कृषि उपयोग, औद्योगिक क्रियाओं, और विभिन्न अपभ्रितियों के प्रदूषण के कारण होता है। यह मिट्टी की गुणवत्ता को कम करता है और कृषि उपयोग के लिए अयोग्य बना सकता है।
ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution): ध्वनि प्रदूषण अधिक शोर और उपशमनीयता की समस्या है, जिसकी जड़ें जानवरों के लिए हानिकारक हो सकती हैं और व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
कचरा (Solid, Liquid, Biomedical, Hazardous, Electronic) (Waste): कचरा प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पर्यावरण समस्या है और यह विभिन्न प्रकार का कचरा जैसे कि ठोस, तरल, जैव-चिकित्सा, खतरनाक, और इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधित करने की चुनौतियों के साथ आता है। गलत कचरा प्रबंधन जमीन और पानी संसाधनों के प्रदूषण का कारण बन सकता है और जीवनकी समुदायों को प्रभावित कर सकता है।